PM SVANidhi योजना: रेहड़ी-पटरी वालों का सारथी

रेहड़ी-पटरी वालों की मुसीबत की सारथी बनी प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM SVANidhi) योजना:

देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को संगठित करने के उद्देश्य से  उनकी आर्थिक मदद के लिए साल 2 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना की शुरुआत की गई थी। इसका प्रमुख उद्देश्य आत्म निर्भर भारत के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए रेहड़ी-पटरी वालों के लिए आसान किस्तों में लोन उपलब्ध कराना है।

सोमवार को लोकसभा में पेश संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों ने लगभग 6.67 लाख ऋण आवेदनों को अधूरा घोषित किया, जिसमें विक्रेताओं द्वारा ऋण लेने में रुचि नहीं होने, अपर्याप्त दस्तावेज और अन्य कारणों का हवाला दिया गया। 

इस योजना के तहत रेहड़ी पटरी विक्रेताओं को 10,000 रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। 

आइए आपको बताते हैं पीएम स्वनिधि स्कीम के बारे में: कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण छोटे दुकानदारों को व्यवसाय में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।

 

कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ?

सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वाले, फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें लगाने वाले, हॉकर्स आदि पीएम स्वनिधि के तहत लोन ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए शर्त है कि वेंडर्स 24 मार्च 2020 या उससे पहले से वेंडिंग कर रहे हों।

शहरी क्षेत्रों में वेंडिंग से जुड़े वेंडर्स के अलावा, यह स्कीम उन विक्रेताओं के लिए भी है, जो शहरी इलाकों के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और शहर/कस्बे में आकर बिक्री करते हैं व सर्वेक्षण में शामिल नहीं हो पाए हैं। ऐसे विक्रेताओं को यूएलबी/टाउन वेंडिंग कमिटी से सिफारिश पत्र यानी लेटर ऑफ रिकमंडेशन प्राप्त करना होगा। इसके अलावा शहरी स्थानीय निकाय को सामान्य आवेदन के जरिए भी अनुरोध किया जा सकता है। अर्बन लोकल बॉडीज की ओर जारी वेंडिंग सर्टिफिकेट/आईडी कार्ड धारक वेंडर्स के अलावा वे विक्रेता भी लाभ ले सकते हैं, जिनका नाम सर्वेक्षण सूची में है लेकिन उनके पास पहचान पत्र या सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग नहीं है। ऐसे विक्रेताओं को वेब पोर्टल से एक प्रोविजनल सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग जारी होगा।

योजना के लिए ऐसे करें अप्लाई:

पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठाने के लिए pmsvanidhi.mohua.org.in या मोबाइल ऐप की मदद से अप्लाई किया जा सकता है। इस लोन के लिए देशभर में फैले कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए भी अप्लाई किया जा सकता है। इसके अलावा अपने क्षेत्र के बैंकिंग कॉरस्पोन्डेंट/माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन के एजेंट से भी लोन को लेकर संपर्क किया जा सकता है। याद रहे कि पीएम स्वनिधि लोन के लिए अप्लाई करने के लिए वेंडर का मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना जरूरी है। लोन के लिए अप्लाई करने के लिए योग्य हैं या नहीं और सर्वेक्षण सूची में नाम है या नहीं यह वेबसाइट से पता कर सकते हैं।

ये बैंक देंगे लोन: 

स्कीम के तहत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, सहकारी बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूंशंस और एसएचजी बैंक लोन उपलब्ध कराएंगे। स्कीम का कार्यकाल मार्च 2022 तक है। स्कीम के लिए इंप्लीमेंटेशन पार्टनर स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) है। लाभार्थी के लिए अनिवार्य केवाईसी दस्तावेज आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र हैं। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा कार्ड, पैन कार्ड भी केवाईसी दस्तावेजों में शामिल हैं।

योजना के फायदे:

पीएम स्वनिधि स्कीम में शहरी इलाकों के स्ट्रीट वेंडर्स को 1 साल की अवधि के लिए 10000 रुपये तक का कोलेट्रल फ्री लोन मिलता है। इसका अर्थ है कि कर्ज के लिए वेंडर्स को किसी तरह की गारंटी नहीं देनी होगी। लोन का भुगतान मासिक किस्तों में किया जाएगा। अगर वेंडर पीएम स्वनिधि स्कीम में मिलने वाले लोन का नियमित पुनर्भुगतान करता है तो उसे 7 फीसदी सालाना की ब्याज सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।

सब्सिडी का फायदा:

इस योजना के मुताबिक ब्याज सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में तिमाही आधार भेजी जाएगी। लोन का समय से पहले भुगतान करने पर सब्सिडी एक ही बार में खाते में आ जाएगी। अगर वेंडर निर्धारित तरीके से डिजिटल ट्रांजेक्शन करता है तो स्कीम के तहत 1200 रुपये सालाना तक का कैशबैक भी मिलता है। पहले लोन के समय पर और जल्द भुगतान की स्थिति में लाभार्थी अधिक लोन प्राप्त करने का पात्र हो जाता है, जो कि 20000 रुपये तक है।

पीएम स्वनिधि स्कीम के तहत पहले टर्म के लोन (10000 रुपये) के लिए अब तक 42,59,270 पात्र आवेदन आ चुके हैं। अपात्र आवेदनों का आंकड़ा 6,94,488 रहा है। स्कीम के तहत अब तक 30,42,337 लोन आवेदनों के तहत लोन सैंक्शन हो चुके हैं और डिस्बर्समेंट का आंकड़ा 26,83,931 है। वहीं 2,98,807 लोन्स का रिपेमेंट हो चुका है। सेकंड टर्म के लोन (20000 रुपये) की बात करें तो पात्र आवेदनों की संख्या 75,166 रही है, 47,715 लोन सैंक्शन हो चुके हैं और डिस्बर्समेंट का आंकड़ा 34,011 है।

लेखक के बारे में

मोहित चोपड़ा
डिस्क्लेमर:

ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।

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