G20 का अध्यक्ष इंडिया, इकॉनमी का ग्लोबल लीडर बनने को अग्रसर!
“विश्व में आर्थिक मंदी की दस्तक तले मोदी 2.O सरकार ने पेश की भारतीय विदेश व्यापार नीति-2023। साल 2030 तक निर्यात 2000 अरब डॉलर तक पहुंचाने का रखा लक्ष्य।“
दुनिया की इकॉनमी अभी कोरोना के असर से उबर भी नहीं पाई है और मंदी के साये में जी रही है। दूसरी ओर नरेंद्र मोदी सरकार की व्यापार पोषक नीतियों की वजह से भारत की इकॉनमी मज़बूत स्थिति में है। इकॉनमी के हर मोर्चे पर दिल खुश करने वाली खबरें आ रही हैं। 31 मार्च को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में बने कई रेकॉर्ड इसके इंडिकेटर है। 2024 में देश में आम चुनाव होने इसी बीच भारत ने अपनी नयी वित्तय नीति घोषित कर एलान कर दिया है कि इंडिया का टाइम आ गया है।
आइये आपको अपने इस लेख में बताते है क्या है भारतीय विदेश व्यापार नीति-2023 और कैसा रहा भारत का प्रदर्शन?
सरकार ने विदेश व्यापार नीति (FTP) 2023 पेश की, जिसका उद्देश्य 2030 तक देश के निर्यात को 2 ट्रिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ाना है। नई नीति पिछले 5-वर्षीय FTP घोषणाओं से अलग है क्योंकि इसकी कोई विशिष्ट अंतिम तिथि नहीं है और इसे संशोधित किया जाएगा। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग के प्रतिनिधियों और मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में नीति को जारी किया। पीयूष गोयल ने कहा कि नई विदेश व्यापार नीति का मकसद कारोबार को इंसेटिव यानी प्रोत्साहन वाली रिजीम से हटाकर छूट और पात्रता आधारित रिजीम पर शिफ्ट करना है।
विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023: सरकार निर्यात दायित्व चूक के एकमुश्त निपटान के लिए एमनेस्टी योजना होगी शुरू
• विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 के हिस्से के रूप में, भारत सरकार ने निर्यात दायित्व चूक के एकमुश्त निपटान के लिए एक एमनेस्टी योजना शुरू की है।
• यह योजना अग्रिम प्राधिकरण और निर्यात संवर्धन पूंजीगत सामान (ईपीसीजी) प्राधिकरणों के धारकों को अपने निर्यात दायित्व चूक को निपटाने और बिना किसी दंड या कानूनी कार्रवाई के अपने प्राधिकरणों को नवीनीकृत करने की अनुमति देगी।
• इस कदम से उन निर्यातकों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो COVID-19 महामारी या अन्य कारणों से अपने निर्यात दायित्वों में चूक कर सकते हैं।
विदेश व्यापार नीति में चार नए एक्सपोर्ट टाउन (TEE), छोटे शहरों पर ज़ोर
• विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 के तहत चार नए शहरों – फरीदाबाद, मिर्जापुर, मुरादाबाद और वाराणसी को टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस (टीईई) के रूप में पहचाना गया है।
• इन टीईई को मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना के तहत निर्यात प्रोत्साहन निधि तक प्राथमिकता प्राप्त होगी और निर्यात संवर्धन पूंजीगत सामान (ईपीसीजी) योजना के तहत निर्यात पूर्ति के लिए कॉमन सर्विस प्रोवाइडर (सीएसपी) लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
• इस कदम से हथकरघा, हस्तशिल्प और कालीनों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो इन शहरों की अर्थव्यवस्थाओं का मुख्य आधार हैं।
• मौजूदा 39 टीईई की पहचान उनके निर्यात प्रदर्शन और क्षमता के आधार पर की गई है और नए शामिल होने से भारत की निर्यात वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान की उम्मीद है।
इकोनॉमिक लीडर बना भारत
13 परसेंट बढ़ा जीएसटी कलेक्शन
जीएसटी मार्च में सालाना आधार पर 13 फीसदी बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन है। अब तक का सबसे ज्यादा कलेक्शन अप्रैल, 2022 में 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा था। मार्च, 2023 में अब तक के सर्वाधिक जीएसटी रिटर्न (GST Return) भी जमा किए गए। फाइनेंस मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2023 में कुल जीएसटी कलेक्शन 1,60,122 करोड़ रुपये रहा। खास बात यह भी है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जीएसटी का कुल कलेक्शन 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 22 फीसदी अधिक है। बीते वित्त वर्ष में चार महीने ऐसे रहे, जब कुल जीएसटी कलेक्शन 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा।
डिफेंस एक्सपोर्ट 16,000 करोड़ के पार
भारत कभी अपनी सेनाओं के लिए पूरी तरह हथियारों के आयात पर निर्भर था। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में भारत ने 16,000 करोड़ रुपये का डिफेंस एक्सपोर्ट किया जो अब तक का रेकॉर्ड है। डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में भारत ने 15,920 करोड़ रुपये का डिफेंस साजोसामान एक्सपोर्ट किया। यह 2016-17 की तुलना में दस गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में डिफेंस सेक्टर में किए गए सुधारों के कारण यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत को डिफेंस प्रॉडक्शन का हब बनाने की दिशा में आगे भी प्रयास जारी रखेगी। 2016-17 में देश का डिफेंस एक्सपोर्ट 1521 करोड़ रुपये था। साल 2020-21 में भारत ने 12,815 करोड़ रुपये का रक्षा साजोसामान एक्सपोर्ट किया था।
कार, एसयूवी की बिक्री ने तोड़ा रेकॉर्ड
31 मार्च, 2023 को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में देश में कार और एसयूवी की बिक्री 27 फीसदी के उछाल के साथ रेकॉर्ड पर पहुंच गई। यह एक दशक में इसकी सबसे लंबी छलांग है। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक 2022-23 में देश में पर्सनल वीकल्स की बिक्री 38.9 लाख यूनिट रही जो पिछले साल 30.7 लाख यूनिट रही थी। मारुति सुजुकी से लेकर हुंडई, किया, एमजी और मर्सिडीज-बेंज ने पिछले वित्त वर्ष में रेकॉर्ड गाड़ियां बेची। नए मॉडलों और एसयूवी की डिमांड में तेजी से कंपनियों की बंपर बिक्री हुई। देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी के डायरेक्टर (सेल्स एंड मार्केटिंग) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि 2022-23 में कंपनी ने घरेलू स्तर पर रेकॉर्ड कारें बेची और एक्सपोर्ट में भी नया रेकॉर्ड बना। कंपनी ने इस दौरान 16 लाख गाड़ियां बेची और 2.6 लाख गाड़ियों को एक्सपोर्ट किया।
14 लाख करोड़ के पार यूपीआई ट्रांजैक्शन
मार्च में यूपीआई ट्रांजैक्शंस ने भी नया रेकॉर्ड बना दिया। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के आखिरी महीने यह 14 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। इस दौरान वॉल्यूम ऑफ ट्रांजैक्शंस भी 865 करोड़ के नए रेकॉर्ड पर पहुंच गया। फरवरी की तुलना में इसकी वैल्यू 13 परसेंट और वॉल्यूम 18 परसेंट बढ़ा है। अगर पिछले साल मार्च की बात करें तो उसकी तुलना में इस बार वॉल्यूम में 60 फीसदी और वॉल्यूम में 45 फीसदी तेजी आई है। अधिकारियों का कहना है कि मार्च फिस्कल ईयर का आखिरी महीना होता है, इसलिए सभी तरह के डिजिटल ट्रांजैक्शंस पीक पर पहुंच गईं। जनवरी की तुलना में फरवरी में इसमें गिरावट आई थी। मार्च में आईएमपीएस ट्रांजैक्शंस की संख्या 49.7 करोड़ और वैल्यू 5.5 लाख करोड़ रुपये रही। इसी तरह फास्टैग का वॉल्यूम 30 करोड़ और वैल्यू 5067 करोड़ रुपये रही।
नई विदेश व्यापार नीति 2023 की मुख्य अंग
• वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा घोषित नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023, 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगी।
• एफ़टीपी का उद्देश्य 2030 तक भारत के निर्यात को 2 ट्रिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ाना है और इसकी कोई विशिष्ट अंतिम तिथि नहीं है, लेकिन आवश्यकतानुसार इसे अपडेट किया जाएगा।
• अनुमान है कि चालू वित्तवर्ष में हमारा कुल निर्यात 760-770 अरब डॉलर होगा। वित्तवर्ष 2021-22 में देश का कुल निर्यात 676 अरब डॉलर रहा था।
• नई विदेश व्यापार नीति में चार नए एक्सपोर्ट टाउन (TEE) विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इसमें यूपी और हरियाणा के शहर शामिल होंगे।
• मौजूदा समय में 39 TEE हैं और फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर व वाराणसी के रूप में चार TEE और विकसित किए जाएंगे। नई नीति भारतीय करेंसी को ग्लोबल करेंसी बनाने का लक्ष्य लेकर भी चल रही है।
• हमारा मकसद रुपये को इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट में इस्तेमाल करना है, ताकि करेंसी एक्सचेंज के रूप में दी जाने वाली भारी-भरकम शुल्क से बचा जा सके।
डिस्क्लेमर:
ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।
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