भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य योजनाएं

कोरोना जबसे आया है हमारे स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता और बढ़ी है। इसके साथ ही इसने कहीं ना कहीं हमारे पूरे सिस्टम को भी खोल कर रख दिया है। स्वास्थ्य एक मौलिक मानव अधिकार है। यह मानव जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए जरूरी है। स्वास्थ्य एक ऐसा कारक है जो देश के आर्थिक विकास के कुल स्तर को प्रभावित करता है। चूंकि किसी भी देश का विकास वहां के लोगों के बेहतर स्वास्थ्य का परिणाम है। देश में स्वास्थ्य से जुड़ीं कई योजनाएं चल रही हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई 'आयुष्मान भारत योजना' है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना कहा जाता है जिसमें मुफ्त चिकित्सा और पांच लाख का फ्री बीमा उपलब्ध है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत सरकार द्वारा ऐसी करीब 15 स्वास्थ्य योजनाएं चल रही हैं जिनके बारे में जानना हर भारतीय के लिए बेहद जरूरी है। ताकि जरूरत पड़ने पर हम इनका लाभ ले सकें।

 

1- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (Rashtriya Bal Swasthya Karyakram (RBSK) : भारत सरकार की यह एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें बाल स्वास्थ्य जांच और प्रारंभिक सेवाएं प्रदान करना है। इसमें चिकित्सीय स्थितियों की प्रारंभिक पहचान करके मरीजों को देखभाल और उपचार दिया जाता है। इसका उद्देश्य जन्म से लेकर अठारह (0 से 18) वर्ष तक के बच्चोंं में विशिष्ट रोग सहित 4डी अर्थात् चार प्रकार की परेशानियों के लिए शीघ्र पहचान और प्रारंभिक हस्तक्षेप करना है। इन चार परेशानियों में जन्मत के समय जन्म दोष, बीमारी, कमी और विकलांगता सहित विकास में रूकावट की जांच शामिल है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, कि जन्म से लेकर छह वर्ष की आयु वर्ग के लिए प्रबंधन विशेषकर जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र (डीईआईसी) पर किया जाता है जबकि छह से अठारह वर्ष की आयु वर्ग के लिए स्थितियों का प्रबंधन सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा किया जाता है।

https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/800x600/rashtriya-bal-swasthya-karyakram-rbsk_201907106817.jpg

2- राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (Rashtriya Kishor Swasthya Karyakram (RKSK): स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी उप-स्‍वास्थ्‍य केन्‍द्रों, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों और जन-स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में किशोरों के लिए अलग से सेवाएं दी जाती हैं। इन केन्‍द्रों में 10 से 19 वर्ष के किशोर और किशोरियां अपनी बीमारियों और उपचारों के अलावा सेहत से जुड़े परामर्श के लिए भी संपर्क कर सकते हैं। इस योजन के तहत किशोरों को पोषण, यौन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ीं सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/800x600/rashtriya-kishor-swasthya-karyakram-rksk_201907106818.jpg

 

3- जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (Janani Shishu Suraksha Karyakaram (JSSK):  गर्भवती महिलाओं और बीमार नवजात शिशुओं के साथ-साथ बीमारियों के इलाज और बीमारियों के इलाज पर उच्च व्यय के साथ-साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) ने सुनिश्चित करने के लिए एक प्रमुख पहल की है। महिलाओं और बाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहतर सुविधाएं। इस योजना का अनुमान है कि 12 मिलियन से अधिक गर्भवती महिलाओं को लाभ होगा जो उनकी डिलीवरी के लिए सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच सकते हैं। इसके तहत मुफ्त और नगद रहित वितरण। निशुल्क सी सेक्शन, दवाएं, स्वास्थ्य केंद्रों में रहने के दौरान मुफ्त आहार का प्रावधान आदि शामिल है।

https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/800x600/janani-shishu-suraksha-karyakaram-jssk_201907106819.jpg

 

4- मिशन इंद्रधनुष ( Mission Indhradhanush Yojna (MIY): इस योजना का प्रमुख लक्ष्य दो साल तक के बच्चों को और गर्भवती महिलाओं को सम्‍पूर्ण टीकाकरण कराना है। इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाला मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य उन बच्चों का 2020 तक टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं या डिफ्थेरिया, बलगम, टिटनस, पोलियो, तपेदिक, खसरा तथा हेपिटाइटिस-बी रोकने जैसे सात टीके आंशिक रूप से लगे हैं। यह कार्यक्रम हर साल 5 प्रतिशत या उससे अधिक बच्चों के पूर्ण टीकाकरण में तेजी से वृद्धि के लिए विशेष अभियानों के जरिए चलाया जाता है।

https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/800x600/mission-indhradhanush-yojna-miy_201907106820.jpg

 

5- राष्ट्रीय आरोग्य निधि (Rashtriya Arogya Nidhi (RAN): देश में यह योजना साल 1997 से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चल रही है। इस योजना के तहत उन मरीजों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहे हैं और गंभीर जानलेवा बीमारियों का इलाज कराना चाहते हैं। इस योजना ते तहत वे किसी भी सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल, संस्थानों में चिकित्सा उपचार प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे रोगियों को वित्तीय सहायता एक मुश्त अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। यह राशि उस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को प्रेषित की जाती है जिसमें रोगी का इलाज चल रहा हो। दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धन लोगों को सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पतालों, संस्थानों सहित सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

सरकार की इस स्वास्थय योजना से भी होगा फ्री में इलाज, जानें क्या है योजना

लेखक के बारे में

Azadi.me
डिस्क्लेमर:

ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।

Comments

जनमत

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति महामारी जैसी परिस्थितियों से निबटने के लिए उचित प्रावधानों से युक्त है?

Choices