जरूरतमंद छात्रों के लिए छात्रवृत्ति व फीस भरपाई योजना
यूपी में इस बार ओबीसी में सात लाख व एस.सी. में पांच लाख लाभार्थी बढ़े:
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शैक्षिक सत्र 2021-22 में समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण निर्देशालय द्वारा गरीब व जरूरतमंद छात्र-छात्राओं के लिए चलाई जा रही छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की योजना में बड़ी तादाद में लाभार्थी बढ़े हैं।
छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा का फायदा:
समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निर्देशक पी.के.त्रिपाठी ने बताया कि इस शैक्षिक सत्र में कक्षा 10 से ऊपर की कक्षाओं और व्यासायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत पिछड़े वर्ग के 20 लाख, अनुसूचित जाति के करीब 12 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा दी गयी जबकि सामान्य वर्ग के करीब पौने छह लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई दी गयी।
पिछले सत्र से ज्यादा छात्रों को फायदा:
पिछड़ा वर्ग कल्याण निर्देशालय के छात्रवृत्ति प्रभारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि इस बार कक्षा 10 से ऊपर की कक्षाओं व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे ओबीसी छात्र-छात्राओं में से इस बार करीब 20 लाख आवेदकों को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की राशि दी जा रही है। पिछले साल यह संख्या करीब 13 लाख थी। पिछले शैक्षिक सत्र में अनुसूचित जाति के करीब सात लाख और सामान्य वर्ग के तीन लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई दी गयी है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के आवेदनों पर स्वीकृत कुल छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि का 40 प्रतिशत प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाये गये बजट से आवेदकों के बैंक खातों में सीधे भेजी जा रही है जबकि शेष 60 प्रतिशत राशि के बात ऐसे सभी लाभार्थी छात्र-छात्राओं का ब्यौरा केन्द्र सरकार को भेजा जा रहा है और वहां से भी धनराशि लाभार्थी के बैंक खातों में आ रही है।
केंद्र सरकार की भूमिका:
इस बार केन्द्र सरकार के निर्देश पर सिंगल नोडल एकाउंट खोला गया है। इसका लाभ यह होगा कि अगर किसी लाभार्थी छात्र-छात्रा का ट्रांजेक्शन फेल हो जाएग तो उसकी छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि वापस सिंगल नोडल एकाउंट में आ जाएगी और फिर दोबारा उस लाभार्थी छात्र-छात्रा को दी जा सकेगी।
डिस्क्लेमर:
ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।
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