जनता, राजनैतिक दल और भ्रष्टाचार
Submitted by अविनाश चंद्रा on March 29, 2018 - 15:43

सरकारें जनता से एक एक पैसे का हिसाब तो चाहती हैं लेकिन जब जवाबदेही और पारदर्शिता की बात राजनैतिक दलों के ऊपर आती है तो वे किसी न किसी तरीके से इससे बचने का तरीका ढूंढ लेती हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष भले ही एक दूसरे पर भ्रष्टाचारी होने का आरोप लगाते हों लेकिन अपने हितों के लिए सभी एक हो जाते हैं। हाल ही में संसद में एक विधेयकर पास हुआ है जिसके अनुसार राजनैतिक दलों को अब विदेशी चंदे का हिसाब नहीं देना होगा.. मजे की बात ये है कि किसी भी दल ने इसका विरोध नहीं किया..
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