लंबे वक्त के बाद आखिर भारतीय लोकतंत्र सही दिशा में जाता दिखाई दे रहा है और आगामी चुनाव में मतदाताओं के सामने अच्छे विकल्प मौजूद हैं। इसमें एक विकल्प वाम-मध्यमार्गी और दक्षिण-मध्यमार्गी आर्थिक नीतियों के बीच चुनाव का है। यह ध्रुवीकरण कई लोकतंत्रों में मौजूद है, जो लोगों को समृद्धि की ओर ले जाने वाले दो सर्वथा भिन्न रास्तों के बारे में परिचित कराता है। दो मुख्य दल, कांग्रेस और भाजपा (नरेंद्र मोदी इसके अधिकृत प्रत्याशी बनने के बाद) इस ध्रुवीकरण को दर्शाते हैं।