हम बहुत ऊथल पुथल से ग्रस्त पड़ोसियों के बीच रह रहे हैं।
हमारे पश्चिमी मोर्चे पर, पाकिस्तान अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। उसकी संवैधानिक संस्थाएं हमेशा एक दूसरे के साथ टकराव की स्थिति में रहती हैं। उसकी खुफिया एजंसी दादा बन गई है, उसका बहुत बड़ा हिस्सा पाकिस्तानी राज्य की वास्तविक संप्रभुता के दायरे से बाहर है और तालिबान के नियंत्रण में है।
दक्षिण की तरफ श्रीलंका कई दशकों के गृहयुद्द से उबर रहा है और उस पर नरसंहार के गंभीर आरोप लग रहे हैं और वह निरंकुश शासन की तरफ बढ़ता जा रहा है।