नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलाएंस
Published on 29 Feb 2016 - 20:22शिक्षा का अधिकार क़ानून-२००९ लागू होने के बाद यह उम्मीद जताई गयी कि यह क़ानून प्राथमिक स्तर पर देश के गरीब से गरीब बच्चे की शिक्षा को सुनिश्चित करेगा। लेकिन अपने पेंचीदा प्रावधानों की वजह से आज यह क़ानून ही सवालों के घेरे में खड़ा हो गया है। इससे पहले की हम शिक्षा के अधिकार क़ानून की खामियों पर बात करें, हमे इस बात पर गौर करना होगा कि कोई भी क़ानून लाने का उद्देश्य क्या होता है?