ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार वाहनों को नष्ट करने के बाबत एक नीति लाने को लेकर काफी उत्सुक है, जिसके तहत पुराने वाहनों को नष्ट करना अनिवार्य किया जाएगा या फिर उन्हें स्वयं नष्ट करने वालों को कुछ सब्सिडी प्रदान की जाएगी। ऐसा करने का एक उद्देश्य नई कारों की मांग में वृद्धि कर ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देना है। वर्ष 2008 में आई मंदी के बाद यूएस और यूरोप में वाहनों को नष्ट करने के प्रति प्रोत्साहित करने के पीछे वास्तव में यही उद्देश्य था। दूसरा उद्देश्य प्रदूषण को कम करना है, चूंकि पुराने वाहन आमतौर
कोविड महामारी कई मायनों में दुनिया को स्थायी रूप से बदल देगी। जाहिर तौर पर, घर से काम करने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। कार्य स्थल समाप्त तो नहीं होंगे लेकिन घर से होने वाले कार्यों की हिस्सेदारी काफी बढ़ जाएगी।
यह नियोक्ताओं के कार्यालय के लिए स्थान और आवश्यक सहायक सुविधाओं में बचत करेगा। इससे कर्मचारियों के पैसे, समय और कार्य स्थल पर आने जाने में लगने वाले समय में भी बचत होगी। हर मुद्दे पर होने वाली मीटिंग की जरूरतें
आंदोलन कर रहे किसानों की छवि संतों अथवा पापियों के रूप में गढ़ी जा सकती है। 1960 के दशक में जब देश भुखमरी की समस्या से जूझ रहा था तब उन्होंने हरित क्रांति की अगुवाई करके न केवल भारत को खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर बनाया बल्कि एक निर्यातक देश के तौर पर भी स्थापित किया। इसके लिए उन्हें नायक कहा जाना बिल्कुल उचित था।
लेकिन कम वर्षा वाले राज्य में चावल जैसे अत्यधिक पानी की जरूरत वाले फसलों को उगा कर पंजाब के किसानों ने भू जल
स्वामीनाथन एस. ए. अय्यर
इस पेज पर स्वामीनाथन एस. ए. अय्यर के लेख दिये गये हैं। ये लेख शीर्ष बिजनेस अखबारों में स्वामीनॉमिक्स कॉलम में प्रकाशित होते हैं।
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ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार वाहनों को नष्ट करने के बाबत एक नीति लाने को लेकर काफी उत्सुक है, जिसके तहत पुराने वाहनों को नष्ट करना अनिवार्य किया जाएगा या फिर उन्हें स्वयं नष्ट करने वालों को कुछ सब्सिडी प्रदान की जाएगी। ऐसा करने का एक उद्देश्य नई कारों की मांग में वृद्धि कर ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देना है। वर्ष 2008 में आई मंदी के बाद यूएस और यूरोप में वाहनों को नष्ट करने के प्रति प्रोत्साहित करने के पीछे वास्तव में यही उद्देश्य था। दूसरा उद्देश्य प्रदूषण को कम करना है, चूंकि पुराने वाहन आमतौर
कोविड महामारी कई मायनों में दुनिया को स्थायी रूप से बदल देगी। जाहिर तौर पर, घर से काम करने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। कार्य स्थल समाप्त तो नहीं होंगे लेकिन घर से होने वाले कार्यों की हिस्सेदारी काफी बढ़ जाएगी।
यह नियोक्ताओं के कार्यालय के लिए स्थान और आवश्यक सहायक सुविधाओं में बचत करेगा। इससे कर्मचारियों के पैसे, समय और कार्य स्थल पर आने जाने में लगने वाले समय में भी बचत होगी। हर मुद्दे पर होने वाली मीटिंग की जरूरतें
आंदोलन कर रहे किसानों की छवि संतों अथवा पापियों के रूप में गढ़ी जा सकती है। 1960 के दशक में जब देश भुखमरी की समस्या से जूझ रहा था तब उन्होंने हरित क्रांति की अगुवाई करके न केवल भारत को खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर बनाया बल्कि एक निर्यातक देश के तौर पर भी स्थापित किया। इसके लिए उन्हें नायक कहा जाना बिल्कुल उचित था।
लेकिन कम वर्षा वाले राज्य में चावल जैसे अत्यधिक पानी की जरूरत वाले फसलों को उगा कर पंजाब के किसानों ने भू जल
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